आरटीआई मे हुवा बड़ा खुलासा। वित्त मंत्री निर्मला सितारमन ने 23 पीएसयू के निजीकरण का किया था ऐलान, पर आरटीआई से पता चला 23 की जगह 26।
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
वित्त मंत्री निर्मला सितारमन ने 23 पीएसयू के निजीकरण का ऐलान किया था, पर आरटीआई मे 26 कंपनीयो का निजीकरण का खुलासा हुवा। इसी तरह ऐलान होते रहे तो सरकारी कंपनीयो मे सरकार की हिस्सेदारी लगबघ खतम हो जाएगी। वैसे भी काफी कंपनीयो मे सरकार की हिस्सेदारी काफी कम हो गयी है।
चंडीगढ़ के एक व्यक्ति ने फाइल किए हुये आरटीआई से यह खुलासा हुवा। सरकार निजीकरण करने वाली कंपनीयो मे एयर इंडिया, सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, इंजीनियरिंग प्रोजेक्टस इंडिया लिमिटेड, पवन हंस, बीएंडआर, प्रोजेक्ट एंड डिवेलपमेंट इंडिया लिमिटेड, सीमेंट कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड, इंडियन मे़डिसिन एंड फार्मास्युटिक्स, सलेम स्टील प्लांट, फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड जैसी कंपनियां शामिल हैं। छत्तीसगढ़ के नगननार स्टील प्लांट का भी सरकार निजीकरण करने जा रही है। इस प्लांट के निजीकरण के विरोध में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। उन्होंने कहा था कि इससे आदिवासी समाज को काफी उम्मीदें हैं और इसका निजीकरण किए जाने से माओवादियों को बढ़ावा मिलेगा।
इनके अलावा भारत अर्थमूवर्स लिमिटेड, एचएलएल लाइफकेयर, भारत पेट्रोलियम, शिपिंग कॉर्पोरेशन, कन्टेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, नीलांचल इस्पात लिमिटेड, हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड, भारत पम्पस एंड कम्प्रेशर लिमिटेड, स्कूटर्स इंडिया, हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट, कर्नाटक एंट्रीबायोटिक्स, हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स, इंडिया टूरिज्म डिवेलपमेंट कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन लिमिटेड भी निजीकरण की लिस्ट में शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने इस साल बजट में विनिवेश का टारगेट 2.1 लाख करोड़ रुपये का है। एलआईसी में हिस्सेदारी बेचने के अलावा BPCL और एयर इंडिया में सरकार ने निजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है।