बिल गेट्स फाउंडेशन(Bill Gates Foundation) दुनिया की सभी बड़ी फार्मा कंपनीज को कोरोना की वैक्सीन (Corona Vaccine) बनाने के लिए पैसा दे रही है। उसी वक्त उन कंपनीयो मे भागीदारी ले के पैसा भी कमा रही है। याने देश सेवा के नाम पर पैसा बनाना सोची समझी साजिश।
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
बिल गेट्स(Bill Gates) दुनिया के चंद अमीरों मे से एक व्यक्ति है, जिसने माइक्रोसॉफ्ट(Microsoft) कंपनी की स्थापना की। माइक्रोसॉफ्ट यह कंपनी सॉफ्टवेयर बनाती है जो हम रोज की ज़िंदगी मे उपयोग करते है जैसे माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल, माइक्रोसॉफ्ट पावरपोईंट, विंडोज़ ऑपरेटिंग सिस्टम। बिल गेट्स की पूरी एक्स्पर्टीज़ सॉफ्टवेयर मे है, जो उन्होंने अपनी एक्स्पर्टीज़ का उपयोग करके पूरे सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज़ पे कब्जा कर लिया था।
सॉफ्टवेयर के बाद अब वैक्सीन मार्केट का बादशाह।
बिल गेट्स फाउंडेशन सन 2000 मे बनी, जो माइक्रोसॉफ्ट के बिल और उनकी पत्नी मेलिंडा ने मिलकर बनाई है। गेट्स फाउंडेशन दुनिया की सबसे बड़ी परोपकारी संस्था है, जिसका उद्देश्य पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम मे फन्डिंग करना खासकर ग्लोबल वैक्सीन प्रोग्राम मे उनका ज्यादा इन्टरेस्ट है। वारेन बफैट भी बिल गेट्स फाउंडेशन मे पैसा लगाके 2006 मे फाउंडेशन के डायरेक्टर बन गये। बिल गेट्स फाउंडेशन को दुनिया के रईसों की तरफ से बेसुमार पैसा मिलता है, यह पैसा वैक्सीन के निर्माण मे लगाया जा राहा है।
बिल गेट्स ओर डबल्यूएचओ(WHO) ।
डबल्यूएचओ(WHO) जो हेल्थकेयर मे काम करने वाली सबसे बड़ी संस्था है। इस संस्था को सबसे ज्यादा डोनेशन यूएस के बाद बिल गेट्स फाउंडेशन देता है जिसकी वजह से डबल्यूएचओ(WHO) का कंट्रोल ज्यादा तर बिल गेट्स के ही हाथों मे है। जो भी पॉलिसी डबल्यूएचओ बनाता है उसमे बिल गेट्स की भागीदारी होती है।
2015 मे महामारी की भविष्यवाणी की थी बिल गेट्स ने।
बिल गेट्स ने 2015 मे अपने Ted Talk मे कहा था की “ हम आने वाली महामारी के लिए तैयार नहीं है। जब मै बच्चा था, तब हमे नूक्लीअर(Nuclear) से होने वाले हमलों की चिंता होती थी, पर आज वह स्थिति नहीं है, आने वाले दशकों मे लाखों लोगों की जान जाएगी वो किसी जंग से नहीं तो वायरस से। क्युकी हम नूक्लीअर जंग के लीये ज्यादा इन्वेस्ट(Invest) करते है, पर महामारी के लिए नहीं। हम आनेवाली महामारी के लिए तैयार नहीं है।“
कोरोना वैक्सीन(Corona Vaccine) के लिए गर्भस्थ शिशु (Aborted Baby Parts) का उपयोग।
लाइफन्यूज के अनुसार दुनिया की टॉप 5 फार्मा कंपनीज गर्भ से निकाले हुये बच्चे के कोशिकाओ (cell) का अपनी रिसर्च मे उपयोग कर रहे है और इस के लिए बिल गेट्स फाउंडेशन से फन्डिंग हो रही है।
बिल गेट्स और फार्मा कंपनीज ।
बिल गेट्स की बिल फाउंडेशन दुनिया की बड़ी फार्मा कंपनीज को डोनैशन दे रही है और बिल गेट्स उन्ही कंपनी मे भागीदारी भी ले रहे है। ताकि इधर से डोनैशन के रूप मे पैसा जाए और उधर से मुनाफा बनके निकले।
बिल गेट्स पूरी दुनिया की हेल्थ सिस्टम को कंट्रोल करना चाहता है। भारत मे भी काफी फार्मा कंपनी के साथ वैक्सीन निर्माण की प्रक्रिया शुरू है, जैसे पुणे का सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया।
जैविक आतंक (Bioterrorism)
बिल गेट्स ने कहा है की “ महामारी नैसर्गिक हो सकती और मानवनिर्मित भी हो सकती है। विज्ञान के तरक्की के साथ रोगजनको(Pathogens) का निर्माण सुलभ हो गया है। आने वाले कई दशकों तक इन रोगजनको(Pathogens) का निर्माण बड़े पैमाने पर हो सकता है। जिससे दुनिया मे जैविक आतंक( Bioterrorism) फैल जायेगा।
वैक्सीन सबको अनिवार्य(Compulsory) करना चाहता है।
कोरोना एक ऐसी बीमारी है जो अपने आप ठीक हो सकती है क्युकी हमारे शरीर मे हमारी रोगप्रतिकारशक्ति होती है जो हमारी किसी भी तरहा के वायरस से रक्षा करती है। अगर कोरोना वायरस हमारे शरीर मे घुसता है तो उसके खिलाफ हमारा शरीर ऐन्टीबाडी तैयार कर लेता है, जिससे बीमारी अपने आप ठीक हो जाती है। इसलिए सभी लोगों को वैक्सीन लेने की जरूरत नहीं है।
पर बिल गेट्स तो सबको वैक्सीन लगाने के लिए तुला हुआ है। वो कहता है दुनिया के हर व्यक्ति को वैक्सीन लेनी ही पड़ेगी जब की वैक्सीन लेना नहीं लेना अपने पर निर्भर होना चाहिए। यह हमारा मूलभूत अधिकार है और इस अधिकार को छीनने की कोशिश की जा रही है। जब से बिल गेट्स फाउंडेशन बना है तब से एक ही बात दोहराई जा रही है की की किसी भी समस्या के लिए वैक्सीन ही इलाज है, चाहे बच्चों के लिए हो या वयस्क के लिए।
यूएस मे वैक्सीन के खिलाफ़ मोर्चे निकल रहे है पर हम को नहीं बताया जा राहा है। यहा तक की हमारे भारत के प्रधानमंत्री भी सब को वैक्सीन लगानी पड़ेगी ऐसा बोल रहे है।
यह बिल गेट्स का वैक्सीन का धंदा है जिसके लिए वो वैक्सीन लगाने के लिए बोल राहा है।पर एक बात बता दे की “अगर आप वैक्सीन ले भी लेते है तो बिल गेट्स ने कहा है की यह महामारी का सिलसिला चलता रहेगा तो आप कितने वैक्सीन लेते रहेंगे। हर दो चार साल बाद महामारी आती रहेंगी। “