केन्द्रीय स्वास्थमंत्री डॉ. हर्षवर्धन संडे संवाद कार्यक्रम मे भारत सरकार के कोरोना टीके के को लेकर सवाल का जवाब दे रहे थे। सरकार वैक्सीन को लेकर लॉकडाउन से घोषणाये कर रही है। पर इस बारे मे सिर्फ घोषणाये मिल रही है। आखिर यह झूठी घोषणाये सरकार क्यू कर रही है?
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
संडे संवाद कार्यक्रम मे भारत सरकार के कोरोना वायरस टीके को लेकर झूठे ऐलान की बात चली। केन्द्रीय मंत्री से पुछा गया की ‘वैक्सीन को लेकर सरकार ने पहले 15 अगस्त की तारीख दी, फिर कहा गया की वैक्सीन 2020 के अंत तक आएगी।‘ क्या सरकार घोषणाये सिर्फ लोगों को लुभाने के लिए कर रही है?
इस पर डॉ हर्षवर्धन ने कहा की वैक्सीन डेवलपमेंट मे बहुत समय लगता है। उन्होंने साफ कर दिया है की वैक्सीन की उपलब्धता की कोई तारीख नहीं है।
जब सरकार को पहले से ही पता था की कोरोना वैक्सीन की कोई आधिकारिक तारीख नहीं है तो सरकार ने अगस्त महीने मे ही वैक्सीन मिल जाएगी ये किस आधार पे बोला था। क्या सरकार कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों से झूठ बोल रही है?
कही बिल गेट्स का अजेंडा तो नहीं चला रही है सरकार?
एक व्यक्ति ने पूछा की क्या सरकार कोरोना टीका लगवाने के लिए लोगों को मजबूर कर बिल गेट्स का अजेंडा बढ़ा रही है? इस व्यक्ति ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया(SII) और बिल गेट्स फाउंडेशन के टाई-अप पे सवाल उठाये। उसने सवाल किया की “हमारे यहा मृत्युदर इतनी कम है तो क्या सरकार को वाकई वैक्सीन की जरूरत है या वह केवल बिल गेट्स का अजेंडा बढ़ा रही है?
जवाब मे हर्षवर्धन ने कहा की ‘प्रभावी वैक्सीन ही किसी बीमारी को रोकने का सबसे कारगर जरिया है।‘ उन्होंने कहा की जल्दी वैक्सीन मिल सके इसके लिए न सिर्फ भारत मे, बल्कि दुनियाभर मे सरकारी और प्राइवेट सजीदारी हुई है।
फिर भी इसमे एक सवाल निर्माण होता ही है की जब लोग अपने आप वैक्सीन के बगैर ठीक हो रहे है तो सरकार क्यू इतनी कोरोना वैक्सीन के पीछे लगी हुई है?
क्यू हो रही वैक्सीन के लिए तैयारी।
स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन से पूछा गया की जब कोई वैक्सीन अभी तक अप्रूव ही नहीं हुई तो तैयारीया क्यू की जा रही है? क्या केवल लोगों को झूठी उम्मीद देने के लिए किया गया?
सवाल के जवाब मे उन्होंने कहा की ‘संभावना है की वैक्सीन सीमित मात्रा मे सप्लाइ होगी। भारत जैसे बड़े देश मे प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण की तैयारी करना जरूरी है, न की एक लाइन मे सबको टीका लगाना। कोल्ड चैन इन्फ्रस्ट्रक्चर से जुड़े अन्य चीजे इसलिए सुनिश्चित की जा रही है, ताकि जब जरूरत पड़े तो कोई दिक्कत न हो।
सरकार का कोरोना वैक्सीन को लेकर रवैया संदिग्ध लगता है। जब सबको पता है की एक वैक्सीन विकसित हो के अप्रूवल मिलने मे 5 साल से 15 साल तक लग सकते। तो सरकार शूरवात से जो वैक्सीन को लेकर वादे करते आई है वो किस आधार पे कर रही थी। क्या सरकार को वैक्सीन विकसित होने का समय पता नहीं था? क्या सरकार काम इतना ही रह गया की झूठ बोलके सिर्फ लोगों को गुमराह करते रहे?
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