japanese milf boxing trainer sex all japanese pass indiansexmovies.mobi woman big boob nice vagina hairy beauty figure old anal porn kunwari ladki ke bij nikalne lage chhote chhote bf

कोविड 19(Covid-19) के तहत चल रहा अस्पतालों मे मौत का खेल

कोविड 19 वैक्सीन के लिए लोगों पर भारत मे कीये जा रहे क्लीनिकल परीक्षण(Clinical Trials)। कोविड 19 की वैक्सीन के लिये देश के हेल्थ अथॉरिटी ने क्लीनिकल ट्रायल के लिए अनुमति दे दी है। मनुष्य पर होने वाले क्लीनिकल ट्रायल(Clinical Trials) देश के विभिन्न संस्थाओ मे चल रहे है। इसमे वैक्सीन और दवाईया शामिल है।क्या लोगों पर हो रहे क्लीनिकल ट्रायल की वजह से अस्पताल मे लोग की मौत हो रही है?

न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर।

क्लीनिकल ट्रायल मे प्रयोगात्मक दवाईया( Experimental Drugs) का इस्तेमाल किया जाता है। प्रयोगात्मक दवाईया( Experimental Drugs) यह वो दवाईया होती है, जिनको मनुष्य पर उपयोग करने के लिए गवर्न्मेन्टल रेगुलेटिरी अथॉरिटी(Governmental Regulatory Authority) की अनुमति नहीं होती है । क्युकी इन दवाइयों का क्या परिणाम होगा यह पता नहीं रहता है, इसलिये इसे प्रयोगात्मक दवाईया( Experimental Drugs) कहा जाता है।

क्लीनिकल ट्रायल(Clinical Trials) यह एक पद्धति होती है जिसमे सामान्य प्रयोग करने से पहले दवाइयों के प्रभाव और कुप्रभाव का अध्ययन करने के लिए परीक्षण किया जाता है। इसके परीक्षण के लिए हेल्थ अथॉरिटी से अनुमति लेनी पड़ती है। इसके परीक्षण मे बीमारी को रोकने के लिए बेहतर तरीके की खोज की जाती है। इसमे अध्ययन के लिए कोरोना जैसे बीमारी से ग्रस्त पैशन्ट या स्वयंसेवक की जरूरत होती है।

विकिपीड़िया के अनुसार भारत मे क्लीनिकल ट्रायल से संबधित कारगर नीति के अभाव मे कई सारी अनियमितताये देखने को मिलती है, जिसके चलते वर्ष 2005 से 2012 के बीच पूरे देश मे लगभग 2800 लोगों की क्लीनिकल ट्रायल के कारण मृत्यु हो गयी है ।

इसमे डॉक्टर, शोधकर्ता और फार्मा(दवाई) कंपनी का होता है फायदा।

डॉक्टर, शोधकर्ता और फार्मा(दवाई) कंपनी अपने हित के लिए व्यक्ति पर हानिकारक परिक्षण करने से नहीं चूकते, अभी तो कोरोना की आड़ मे यह लोग कुछ भी परीक्षण कर सकते है। अगर किसी की मृत्यु हो भी जाती है तो उसे कोरोना वायरस के नाम पे ढकेल सकते है। क्या लोग कोरोना वायरस से ज्यादा उसकी दवाई के परीक्षण मे ही उनकी मौत हो रही है? यह सवाल आज देश के हर नागरिक के मन मे है क्युकी जादातर पैशन्ट अस्पताल तो जाते है पर घर वापस नहीं आ रहे है।

पढे : सावधान! वरिष्ठ नागरिकों पर बीसीजी वैक्सीन का परीक्षण कर रही है आईसीएमआर(ICMR)

अमीर राष्ट्र भी इसका उठाते है फायदा।

अमीर राष्ट्र जानबुझकर अन्य राष्ट्रों से जैसे अफ्रीका और एशिया के गरीब राष्ट्र, इन राष्ट्रों का उपयोग क्लीनिकल ट्रायल के लिए करते है। क्युकी वह यह परीक्षण अपने पैसों और पावर के दम पर गरीब देश के गरीब नागरिकों पर करने के लिए दबाव डालते है। अगर देश ऐसा नहीं करता है तो उस गरीब देश पर अनेकों निर्बंध लगा देते है।

आमतौर पर भारत जैसे राष्ट्र मे कोई खुद से क्लीनिकल ट्रायल के लिए तैयार नहीं होता है, अगर होता भी है तो वह कोई गरीब ही होता है जिसे पैसों की जरूरत होती है या उसे पता ही नहीं होता है की उसके साथ क्लीनिकल ट्रायल(Blind Trials) हो रही है। हमारी एक कहावत है की “शिवाजी होना चाहिए पर वो मेरे घर मे नहीं पड़ोसी के घर मे”।

अभी तक कोरोना वायरस के इलाज के लिए कोई दवाई या वैक्सीन नहीं मिला जो उसके प्रभाव से मानवजाती की रक्षा कर सके। फार्मा कंपनीज अब अपनी दवाई बेचने के दौड़ मे लगी है, जो काफी खतरनाक साबित हो सकती है और हेल्थ रेगुलेटरी भी उसे जल्दी से अनुमति दे रही है।

यह भी पढे : अस्पताल बन रहे “ मौत का कुआ “, फैल राहा डर का माहौल

One thought on “कोविड 19(Covid-19) के तहत चल रहा अस्पतालों मे मौत का खेल

  1. I will right away clutch your rss as I can’t find your email subscription hyperlink or newsletter service.

    Do you have any? Please permit me understand in order that I may subscribe.
    Thanks. These are truly enormous ideas in on the topic of blogging.
    You have touched some nice factors here.
    Any way keep up wrinting. What’s up, I read your blog daily.
    Your humoristic style is witty, keep up the good work!
    http://plumbing.com/

    my web blog: Jane

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *