कोरोना के चलते आईसीएमआर(ICMR), डबल्यूएचओ(WHO) के साथ मिलकर नये नये रिसर्च कर रही है। आईसीएमआर डबल्यूएचओ(WHO) के सभी गाइडलाइंस को फॉलो कर रही है।
ऐसा ही एक नया शोध डबल्यूएचओ(WHO) के साथ मिलकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने शुरू कर दिया है। इस शोध मे 60 वर्ष से लेके 95 वर्ष तक के वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया जा राहा है। आईसीएमआर वरिष्ठ नागरिकों पर बीसीजी वैक्सीन का परीक्षण करेगी।
इस परीक्षण मे यह आकलन किया जायेगा की क्या टी.बी. मे दी जाने वाली बीसीजी वैक्सीन, कोरोना वायरस से हो रहे संक्रमण को और उससे हो रही मृत्यु दर को कम करने मे सफल है या नहीं। यह शोध उन वरिष्ठ नागरिकों पर होगा जो कोविड 19 से प्रभावित नहीं हुये है, जीन पर कोरोना वायरस का कोई संक्रमण नहीं हुआ है।
अब वरिष्ठ नागरिकों का यह सवाल है की क्या वरिष्ठ नागरिक इस टेस्ट से बच पाएंगे या उनकी मृत्यु हो जाएगी?
सामान्यता बीसीजी टीके का इस्तेमाल टी.बी. के इलाज मे होता है। इसका इस्तेमाल अन्य श्वशन संबधित संक्रमणो के खिलाफ किया जाता है। शामिल किये गये वरिष्ठ नागरिकों को बीसीजी वैक्सीन की 0.1 मिली खुराक दी जाएगी।