भारत दक्षिण एशिया मे तीसरा सबसे गरीब देश बनने की और अग्रेसर है, वही दूसरी तरफ भारत का अमीर मुकेश अंबानी ओर अमीर होता जा रहा है। जहा कोरोना के चलते देश बेहाल हो रहा है तो वही अंबानी मालामाल हो रहा है। देश का नागरिक अंबानी अमीर हो रहा है पर देश गरीब हो रहा है क्यू? क्या केंद्र-मोदी सरकार देश चलाने मे नाकाम हो रही है?
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोश(IMF)-वर्ल्ड इकनॉमिक आउट्लुक(WEO) के अनुसार भारत दक्षिण एशिया मे तीसरा सबसे गरीब देश बनने की ओर अग्रेसर है। बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव जैसे देश भारत के आगे होंगे तो पाकिस्तान और नेपाल की प्रति व्यक्ति जीडीपी भारत से कम होगी।
देश तो गरीबी की ओर अग्रेसर हो रहा है, वही फोर्ब्स के अनुसार, मुकेश अंबानी की नेट वर्थ 73 फीसदी बढ़ी है और लगातार 13 साल से भारत का सबसे अमीर इंसान बना हुआ है। मार्च मे लॉकडाउन होने के बाद भी मुकेश अंबानी ने प्रति घंटा 90 करोड़ की कमाई की है।
कितनी है मुकेश अंबानी की आय?
रिपोर्ट के अनुसार, मुकेश अंबानी की कुल आय 6,58,400 करोड़ रुपये है। इनकी निजी संपत्ति पिछले नौ सालों मे 2,77,700 करोड़ रुपये बढ़ी है। इस के साथ ही अंबानी एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए है और दुनिया के चौथे अमीर व्यक्ति बन गए है। कुल संपत्ति मे 73 फीसदी की बढोतरी हो गई है।
जिओ के साथ रिलायंस की ग्रोथ बढ़ गई है, कई सारे ग्लोबल इन्वेस्टर ने रिलायंस जिओ मे इन्वेस्ट किया है। वही रिलायंस रीटेल के साथ भी रीटेल मार्केट मे अपना कब्जा करने को तैयार है। भविष्य मे टेक्नॉलजी के साथ हेल्थकेर, शिक्षा, ऐग्रिकल्चर जैसे बुनियादी क्षेत्रों मे भी घुसने को तैयार है। जिओ प्लेटफॉर्म से नयी टेक्नॉलजी ईकोसिस्टम विकसित कर रहे है जिसमे आईओटी, क्लाउड कम्प्यूटिंग, ई-कॉमर्स, बिग डाटा, आर्टफिशल इन्टेलिजन्स, रोबाटिक्स इत्यादि है।
भारत देश की स्थिति।
आईएमएफ़ के नुसार इस आर्थिक वर्ष मे भारत के जीडीपी 10.3 फीसदी नीची जाएगी। इस के साथ भारत एशिया का तीसरा गरीब देश बन जाएगा। इससे पहले आईएमएफ़ ने 4.5 फीसदी नीची जाएगी ऐसा कहा था। पर यह तो उस अनुमान से भी नीची चली जा रही है, जो एक खतरे की घंटी है।
कोरोना वायरस चीन से निकला था। फिर भी वहा की स्थिति कंट्रोल मे है। आईएमएफ़ ने चीन के 1.9 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। इससे तो यही पता चल रहा है की चीन की हालत भारत से कही ज्यादा बेहतर है।
क्या भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश चलाने मे असफल हो रहे है?
देश की हालत दिन ब दिन बिघड़ती जा रही है। एक तरफ लोगों के हाथ मे रोजगार नहीं है तो दूसरी तरफ महंगाई आसमान छु रही है। लोगों पर भुखमरी के दिन आ रहे है। जबसे नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने है तबसे देश के हालत गंभीर होते जा रहे है। आज जो जीडीपी का दौर चल रहा है वह आजादी से लेकर अब तक का सबसे बुरा दौर है।
2014 मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने के बाद उन्होंने आरबीआई को अपने इकनॉमिक ग्रोथ के अजेंडे के लिए उपयोग मे लाया, जिसके चलते आरबीआई की हालत खराब हो गई है। आरबीआई एक स्वतंत्र संस्था है, पर मोदी ने पूरी आरबीआई को ही अपने कंट्रोल मे कर लिया है और नोटबंदी से लेकर हर इकनॉमिक अजेंडे के लिए इसका उपयोग किया है। अगर आरबीआई गवर्नर अजेंडे मे साथ नहीं दिया तो उसे भी बदल भी डाला है।
जब रिलायंस जैसी एक प्राइवेट कंपनी इतनी ग्रोथ कर सकती है तो देश क्यू नहीं आगे बढ़ रहा है? क्यू देश को एक गरीब देश बनने की नौबत आ गई है? क्या नरेंद्र मोदी और उनकी टीम देश चलाने के काबिल नहीं है?
जिओ प्लेटफॉर्म इतना बडा हो गया है जबकी देश की बीएसएनएल कंपनी को उस लेवल तक ले जाना चाहिए था। अगर नरेंद्र मोदी एक दिव्य पुरुष है तो देश की ऐसी खराब हालत क्यू हो रही है? क्यू देश पिछड़े देशों मे शामिल हो रहा है?
आज भी मोदी सरकार के पास ऐसा कोई भी प्लान नहीं है जिससे देश को डूबती हुई आर्थिक हालत से बाहार निकाल सके। कितना भी राहत पैकेज की घोषणा कर दे मगर जब तक पैसा लोगों के पास नहीं पहुचेगा तब तक कुछ नहीं होगा। देश की हालत इतनी बिघड चुकी है या बिघाडी गई है की उस से बाहार निकालना बड़ी मुश्किलों का काम है। हर बार देश को किसी के भी सामने हाथ फैलाने पड रहे है, क्यू देश की एक भिकारी जैसी हालत हो गई है।
2014 से लेकर आज तक देश का हर हिस्सा सामाजिक और आर्थिक तौर बुरी तरहा प्रभावित हो चुका है। अब तो देखना यही है की इस मुश्किल समय मे मोदी सरकार क्या करती है? जब मुकेश अंबानी अपनी कंपनी मुनाफे के साथ चला सकता है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यू देश को मुनाफे के साथ नहीं चला पा रहे है? लॉकडाउन का असर अंबानी पे नहीं पडा तो देश पे क्यू पडा?