जम्मू-कश्मीर मे जमीन खरीदने के नये कानून के खिलाफ स्थानीय लोगों के द्वारा प्रदर्शन हो राहा है। पीपल डेमक्रैटिक पार्टी और नैशनल पँथर्स पार्टी के द्वारा अलग-अलग जगह पर विरोध दर्शाया गया। कश्मीर नेताओ का कहना है कि संसाधन लूटने के लिए सरकार बना रही है कानून। तो क्या सरकार निजी कंपनीयो के हाथ से संसाधन लूट लेगी?
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
जमीन खरीदने के लिए बनाये गये नये नियमों के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। सरकार के इस नियम के विरोध मे PDP पार्टी ने विरोध प्रदर्शित किया। इसके लिए पार्टी के कार्यकर्ता बड़ी संख्या मे पार्टी के मुख्यालय पहुचे थे।
PDP पार्टी का ऑफिस किया सील।
पीपल डेमक्रैटिक पार्टी को प्रदर्शन करने से रोकने के लिए पार्टी का मुख्यालय को सील किया गया तथा प्रदर्शन मे शामिल कार्यकर्ताओ को हिरासत मे लिया गया। यहा से एक रैली निकालने की योजना थी। इसी दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत मे ले लिया।
ऑफिस सील को लेकर महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया ,’श्रीनगर मे पीडिपी के कार्यालय को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सील कर दिया। कार्यकर्ताओ को हिरासत मे ले लिया है, जबकी वह शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे। आपकी नजर मे क्या यही सामान्य हालात है जो पूरी दुनिया को दिखाना चाहते है।’
संसाधनों की लूट ।
महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया की, ‘ यह लोग यहा का संसाधन लूटके ले जाना चाहते है। बीजेपी ने गरीब को दो वक्त की रोटी नहीं दी, वह जम्मू और कश्मीर मे जमीन क्या खरीदेगा? अगर आपके पास ताकत है तो चीन को निकालो जिसने लद्दाख की जमीन खाई है, चीन का नाम लेने से थरथराते है।‘
जम्मू-कश्मीर को लूटने का कानून
आगे महबूबा मुफ्ती ने कहा की,’ जम्मू और कश्मीर की जमीन को हड़पने का जो बीजेपी ने कानून बनाया है उसके खिलाफ PDP कार्यकर्ता प्रदर्शन करने जा रहे थे, उन्हे हिरासत मे ले लिया, रात को घरों से उठाया। मैंने ठाने मे उनसे मिलने की कोशिश की तो मुझे रोका गया, j&k जेल मे तब्दील हो गया है।
संपत्ति कर लगाने का भी हुआ था विरोध।
सरकार कि तरफ से लगाये गये संपत्ति कर का भी स्थानीय लोगों से विरोध हुआ था। काँग्रेस, पँथर्स पार्टी सहित अनेक स्थानिक संघटनों ने किया था विरोध।
प्रदर्शनकारियों द्वारा कहा गया की सरकार सुविधा देने की बजाय आये दिन नये नये टैक्स लगा रही है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद सरकार ने कई सारे वादे किये थे, पर एक भी पूरा नहीं हुआ। उल्टा सरकार ही टैक्स का बोझ बढ़ा रही है।
“वित्तीय मदद करना तो दूर सरकार लोगों का खून चूसना चाहती है”, ऐसा नैशनल कॉंग्रेस के पदाधिकारी ने कहा।
राजस्व बढ़ाने के लिए टैक्स।
संपत्ति कर के बारे मे मेयर ने कहा था की नगर निगम को आत्मनिर्भर बनने के लिए टैक्स लगाना पड़ेगा और इस दिशा मे कदम बढ़ाने ही पड़ेंगे। राजस्व बढ़ाने के लिए नगर निगम को उठाने पड़ेंगे कुछ कडक कदम।
आजादी के बाद की जितनी भी सरकारे हुई उनमे से अभी की सरकार सबसे अलग है, पैसा कमाने के लिए लोगों के पीछे हाथ धो के पड़ी है। नयी-नयी योजनाए और नये नये तरीके ढूंढकर बस लोगों को लूटना ही जानती है। चाहे प्रॉपर्टी टैक्स हो या नया जमीन खरीदने का कानून हो बस लोगों से पैसा कैसा निकाला जाए इसी पर काम करती है।
आर्थिक मंदी और कोरोना काल मे भी लोगों नहीं छोड रही है। जहा एक तरफ लोग आर्थिक कमजोर और बेरोजगार हो रहे है वही सरकार नये टैक्स लगाकर लूट रही है।
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