हाथरस गैंगरेप केस के आरोपियों के पक्ष मे 12 गाव के लोगों की पंचायत हुई और समर्थन मे एकजुट हुआ सवर्ण समाज। वही दूसरी तरफ प्रशासन ने पीडिता के घर वालों को घर और गाव से बहार निकलने की लगाई रोक, ले लिए मोबाईल और घर मे ही कर दिया कैद तथा की मारपीट।
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
पीडिता के घर की पुलिस ने घेराबंदी कर के रखी है। न गाव से किसी को निकलने दे रहे है और नहीं किसी मीडिया या अन्य व्यक्ति को अंदर जाने दे रहे है। प्रशासन के तरफ से पीड़ित के परिवार का आवाज दबाने का सारेआम प्रयास कीया जा राहा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आधी रात को शव जलाकर अपना पाप छिपाने की कोशिश की है। जिल्हाधिकारी पीडिता के घरवालों और उनसे मिलने वालों को धमकाने का प्रयास कर रहे है।
परिवार वालों पर मिलने से रोक क्यू?
जानकारी के अनुसार गाव का एक बच्चा मीडिया के संपर्क मे आया और उसने कहा की हमारे मोबाईल ले लिए और स्विच ऑफ कर दिए। हमे धमकाया जा राहा है, मारापीटा जा रहा है। वह लोग न तो हमे बहार आने दे रहे है और नहीं मीडिया वालों को अंदर जाने दे रहे है।
सवर्ण समाज आरोपियों के पक्ष मे।
मिली जानकारी के अनुसार, जहा देश भर मे बलात्कार और हत्या के मामले मे आक्रोश है, वही आरोपियों के पक्ष मे कुछ लोग उतर आये। युवती की बलात्कार और हत्या होने के बावजूद उच्च जाती के लोग आरोपियों के समर्थन मे आये है। उनकी मांग है की मामले मे निष्पक्ष जाँच की जाय।
डिएम, पुलिस और अस्पताल के लोग मिले हुये है।
हालही मे राजरत्न अंबेडकर ने हाथरस का दौरा किया है और हाथरस केस के बारे मे उन्होंने कहा है की “ सिर्फ चार वाक्यों का एफआईआर बनाया हुआ है। एफआईआर मे बलात्कार का जिक्र नहीं है। 14 सितंबर को बलात्कार हुआ और 22 सितंबर को मेडिकल हुआ। मेडिकल रिपोर्ट कहती है शरीर पर कोई चोट नहीं”।
उन्होंने आरोप किया की मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले ठाकुर है, डीएम ठाकुर है, गुनहगार ठाकुर है, सभी जुड़े लोग ठाकुर है। मेडिकल रिपोर्ट दूसरे जिल्हे से बनाई है। मुझ पर दबाव डाला गया की “आप ये अनाउन्स करो की रैप हुआ ही नहीं था”। जब मुझ पर दबाव आ सकता है तो पीडिता की फॅमिली पर कितना दबाव होगा।
आगे कहा की गाव के अंदर जाने नहीं दे रहे है। यूपी की पुलिस इतनी निचले स्तर पर गिरी हुई है की सही मे जंगल राज क्या होता है, वहा जा के देखो। पूरी पुलिस इसमे शामिल है, पूरी मेडिकल स्टाफ इसमे शामिल है। वाल्मीकि परिवार यह केस नहीं लड़ेंगे क्युकी एक बच्ची तो गवा चुके है, अपनी बीवी और बेटे को नहीं गवाना चाहते है। उनके ऊपर बहुत दबाव है। गाव मे जिंदा रहना इसलिए पीडिता का परिवार वाले केस नहीं लड़ पाएंगे। इसलिए अंबेडकर परिवार इनका केस लड़ेगा। डिएम, एसपी और मेडिकल के डॉक्टर को जेल मे डालेंगे। सारे रिपोर्ट झूठे है।
क्या यही विश्वगुरु भारत है?
जिस तरहा से हमे सपने दिखाए गये थे, एक अच्छे भारत के, भ्रष्टाचार मुक्त भारत के। पर आज यूपी मे जो हो राहा है, एक कमजोर वर्ग को दबाया जा राहा है, जिसे जिंदा रहने के लिए अपने पर हुये अत्याचार को सहना पड राहा है। सच को झूठ बनाया जा राहा है और अन्याय को न्याय बनाया जा राहा है। उसे देखकर आप कह सकते है क्या सचमुच विश्वगुरु बनेगा भारत।
यूपी मे हररोज कोई न कोई अपराध हो राहा है और इस अपराध के ज्यादातर शिकार पिछड़ा और कमजोर वर्ग ही हो राहा है। क्या इस सरकार को सत्ता मे रहने का अधिकार है? सोचिए।
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