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दलित वर्ग की उन्नति के उपाय, ताकि हाथरस जैसे कांड दुबारा न हो।

जिस तरहा हाथरस उत्तर प्रदेश केस मे दलितों एवं पिछड़ो और सावर्णों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काया जा राहा है। यह स्थति आजादी से पहले भी थी और आज भी है। इसलिए दलित एवं पिछड़े और कमजोर वर्ग को किसी सरकार के भरोसे न रहकर अपनी उन्नति स्वयं ही करनी है और कमजोर से शक्तिशाली बनना है, ताकि हाथरस जैसे कांड दुबारा न हो।

न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर

उत्तर प्रदेश मे आये दिन कोई न कोई अपराध होता ही है। इसमे आज की तारीख सबसे ज्यादा अत्याचार दलितों और कमजोर वर्ग के साथ मे हो रहे है। कोई भी सरकार आएगी तो भी यह अत्याचारों का सिलसिला चलता रहेगा। इसलिए इसका एक ही उपाय है की आप को सशक्त होना है, ताकि आप पर कोई अत्याचार कर न सके। खुद का रास्ता खुद ही बनाना है। इसके लिए आपको आर्थिक रूप से स्वतंत्र होना पड़ेगा ताकि आप लोग किसी के ऊपर निर्भर न रहे।

इसके लिए आप को कुछ उपाय करने पड़ेंगे, जो नीचे दिए हुये है।

अपना गाव छोड़े।

हाथरस के बूलगढ़ी गाव मे 600 परिवारों मे से सिर्फ चार परिवार दलित समुदाय से है। 15 परिवार ब्राह्मण समाज से है और बाकीके पूरे परिवार ठाकुर है।

जो दलित और कमजोर परिवार पहले से ही आर्थिक और मानसिक रूप से कमजोर है, उसपर जिनके ज्यादा परिवार है और आर्थिक रूप से सम्पन्न है, वह लोग अत्याचार करने से नहीं डरेंगे क्युकी उनकी संख्या अधिक है और पैसा भी है। चाहकर भी दलित परिवार उनसे नहीं लढ़ सकता।

इसके लिए उनको ऐसी जगह जाना चाहिए जहा दलित या पिछड़ा परिवार भरपूर संख्या मे रहता है ताकि उनके साथ रहकर कोई उनपर उंगली तक ना उठा सके। यूपी तथा अन्य राज्यों मे आज भी जाती व्यवस्था चलाई जाती है, दलितों को छुवा तक नहीं जाता। इन सबके लिए एक ही रास्ता है अपना घर बार बेचके ऐसे जगह खरीद लो जहा स्वाभिमान से रह सके। ताकि आप और आपके बच्चे सुरक्षित रहे। पूर्वजों का नाम जपते हुये पूर्वजों की जमीन पर रहना कोई जरूरी नहीं है।

नेताओ से दूर रहे।

आज उत्तर प्रदेश की ही बात करे तो दलित और कमजोर वर्ग के साथ साथ ब्राह्मणों पर भी अत्याचार हो रहे है। उनकी भी हत्याये हो रही है।

इससे तो यह बात साबित हो जाती है की जिसके पास सत्ता और धन है, वह समाज ताकतवर है, वह चाहे जिसपे जुल्म कर सकता है। पहले ब्राह्मण दलितों पर अत्याचार करते थे आज सवर्ण मे दूसरा समाज अत्याचार कर राहा है, कल तीसरा कोई करेगा। याने ब्राह्मण, क्षत्रिय या वैश्य इनमे से कोई भी अत्याचार कर सकता है या दलित सत्ता मे आता है तो दलित भी अत्याचार कर सकता है। इसलिए किसी भी एक समाज की दुश्मनी मन मे मत पालिये।

दलितों के सारे नेता लोग समाज जोडने की बजाय तोड रहे है। किसी एक समाज को दुश्मन बनाकर बस राजनीति कर रहे है। इसलिए ऐसे नेताओ से दूर रहे।

अच्छी शिक्षा लेना।

शिक्षा ही एक मात्र हथियार है जिसके भरोसे आप उन्नति कर सकते है। शहरों से ज्यादा ग्रामीण भागों मे लोगों की पढ़ने की क्षमता कम होती जा रही है। बच्चों का स्कूल जाना और पढ़ना लिखना कम हो राहा है। इसकी वजह से आप लोग आने वाले समय मे काफी पीछे छूट सकते है।

इसलिए दलित और पिछड़ा वर्ग के लोग मिलकर स्कूल खोलिए ताकि आप के बच्चे अच्छे से पढ़ लिख सके। यह स्कूल आपके ही समाज के पैसों से चलाईये।

स्किल सीखना और धंदा करना।

पहले खेती ही सबका प्रमुख धंदा था। उसी पर ज्यादा लोग निर्भर थे। पर आज आधुनिक युग मे तरक्की करनी है तो आपके बच्चों को कोई एक हुनर तो सीखना ही पड़ेगा। ताकि उस स्किल के भरोसे धंदा करके आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सके।

अगर एक जगहा पूरा समाज इकठ्ठा रहता है तो काफी सारे धंदे उसमे से निकल सकते है। कोई जरूरत नहीं पड़ेगी किसी मारवाड़ी या गुजराती के दुकान पर जानेकी। समाज के सब लोग मिलकर बड़े पैमाने पर धंदा कर सकते है। बेचने वाले भी आप रहेगे और खरीदने वाले भी आप ही के लोग रहेंगे।

देश को हिलाना आप के हाथ मे है।

किसी भी सरकारी या प्राइवेट कंपनी मे सबसे ज्यादा लेबर या मजदूर दलित और पिछड़े समुदाय से ही है। अगर आप काम करना बंद कर दे तो पूरा देश रुक जायेगा। जो आप पर जुल्म करते है ना वह भी आप के सामने झुक जाएंगे।

एकजुट होना।

एकता मे शक्ति होती है। पर यही बात है की आपको एकजुट नहीं होने दिया जा राहा है। अगर पूरा बहुजन समाज एकजुट हो जाता है तो देश का शासक बन सकता है। पर हकीकत यह है की टुकड़ों मे बिखरा पडा हुआ है। इसलिए शक्तिशाली होते हुये भी शक्तिहीन हुआ है।

राजनैतिक पार्टी के भरोसे न रहे।

हर कोई आज किसी एक राजनैतिक पार्टी के भरोसे बैठा है। चाहे अच्छी हो या बुरी उस पार्टी के साथ है। मगर दूसरी तरफ अपनी ही समाज की किसी दूसरी पार्टी के लोगों को गलिया दे रहे है, भलाबुरा कह रहे है। चाहे उस पार्टी से कुछ भी भला न हो राहा हो पर उसके साथ रह रहे है। सिर्फ उस पार्टी के मुखिया का नाम लेते हुये।

इस आधुनिक युग मे ऐसे नेता की जरूरत ही जो आपको आर्थिक रूप से पूर्ण स्वतंत्र कर दे। जो इस बिजनस युग मे बिजनस को जाने। जिसे आगे की विज़न हो। सिर्फ राजनीति करना उसका काम न हो। जिसपर आप लोग आँख बंद कर विश्वास कर सके। अगर ऐसा कोई व्यक्ति मौजूद नहीं तो ढूंढिए मिल जायेगा।

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