आलू-प्याज के दाम दिन ब दिन बढ़ते ही जा रहे है। आलू-प्याज के भाव बढ़ने से गरीब और मिडल क्लास का रसोई का बजट बिघाड़ गया है। जिस प्याज को भरपूर मात्रा मे भारत द्वारा निर्यात किया गया, उसी को अब बहार देश से मंगाने की नौबत आ गयी।
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
देश का काफी बड़ा वर्ग आलू और प्याज पर सब्जी के लिए निर्भर है। इन के भाव बढ़ने के कारण सब्जी की समस्या निर्माण हो रही है। वैसे तो मंडी मे सभी चीजों के दाम बढ़े हुये है पर आलू-प्याज यह रसोई मे बाकी सब्जीयो से जादा उपयोग किया जाता है। भाव बढ़ने की वजह से महीने का रसोई का बजट बिगढ़ गया है।
बीते कुछ महीनों से लोगों की कमाई मे कमी आ गयी तथा बेरोजगारी बढ गयी है और सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण सब्जिया रसोई से गायब हो रही है। एक तो पैसा नहीं ऊपर से सब्जी महंगी, आम नागरिक इस स्थिति मे करे तो भी क्या करे।
मार्च-जून 2020 तक 8 लाख टन प्याज किया निर्यात।
इस साल भारत से आलू और प्याज का निर्यात हो राहा था। मिले आकड़ों के अनुसार जून तक देश के बहार 8,05,259 टन निर्यात किया गया। 1,26,728 टन आलू को देश से बहार भेजा गया।
जब आलू और प्याज को इतने भारी मात्रा मे बहार भेज दिया तो अब क्यू आलू और प्याज को विदेश से बुलाने की नौबत आ गयी। क्यू प्याज को बहार देश भेजा गया जिससे भारत के लोगों के लिए ही वह आलू-प्याज मिलना महंगा हो गया?
मे-जून 2020 मे जिस आलू-प्याज को 40 रुपये प्रति किलो से खरीद सकते थे वही आलू-प्याज नवंबर 2020 मे 150 रुपये प्रति किलो तक खरीदना पड राहा है। देश का माल विदेश भेज दिया गया और विदेश माल अब मार्केट मे बेचा जा राहा है।
15 मार्च से प्याज के निर्यात के अनुमति मिली थी।
केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था की सरकार किसानों के हित के लिए 15 मार्च से प्याज के निर्यात की अनुमति देंगी, जिससे किसानों की आय बढ़ाने मे मदद मिलेगी।
विदेश व्यापार महानिदेशालय(DGFT) ने प्याज पर न्यूनतम मूल्य हटाने का निर्णय लिया था।
बड़े पैमाने पर आलू-प्याज का आयात।
कीमतों को नियंत्रण मे रखने के लिए केंद्र सरकार बड़े पैमाने पर प्याज का आयात कर रही है। 14 सितंबर को प्याज के निर्यात पर बैन लगाने का फैसला सरकार ने किया था और 21 अक्टूबर से प्याज के आयात नियमों को भी आसान कर दिया है।
अब तक देश मे 7000 मेट्रिक टन प्याज विदेश से आयात हो चुका है। 25000 टन प्याज दिवाली से पहले आयात हो जायेगा। आलू को भूटान से खरीदा जा राहा है। 30,000 मेट्रिक टन आलू भूटान से भारत पहुच जायेगा।
देश के प्याज को विदेश भेज दिया और उसी प्याज को विदेश से खरीद रहे है। यह कैसी सरकार की नीति है? क्या यही देश का आत्मनिर्भर प्लॅन है?
Follow News Mediators on
Read : किसान बिल के तहत इलेक्ट्रॉनिक मंडी बनाने का सरकार का प्लान, जानिए क्या है?
कान्ट्रैक्ट फ़ार्मिंग के तहत कालाबाजारी बढ़के किसान बनेंगे बंधुआ मजदूर, जानिए क्या है?