दुनियाभर की ड्रग्स कंपनीया कोरोना वैक्सीन बनाने के रेस मे लगी है। वही भारत की सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया, भारत बायोटेक, जायडस कॅडिला के साथ अब रिलायंस लाइफ साइंसेस भी शामिल हो गयी है। जिओ टेक्नॉलजी, रीटेल के साथ हेल्थकेर मे भी अपने कदम बडा रही है। अब मिलेगा कोरोना का पूरा पैकेज रिलायंस की एक ही छत के नीचे।
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
रिलायंस फाउंडेशन ने कोरोना काल मे सरकार और स्थानिक म्यूनिसपैलिटी के साथ मिलकर बडे पैमाने पर पूरे भारत मे कोविड टेस्टिंग चालू कर दि थी जिसके लिए जिओ की टेक्नॉलजी का भी उपयोग किया गया।
कोविड 19 टेस्टिंग किट।
रिलायंस लाइफ साइंसेस यह पहले कुछ कंपनीयो मे से एक है, जिसको इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च(ICMR) ने कोविड19 टेस्टिंग के अप्रूवल दिया था। जिसमे रियल टाइम रीवर्स ट्रैन्स्क्रिप्शन- पॉलीमरेज चैन रिएक्शन(RT-PCR ) की किट से कोरोना पैशन्ट की कोरोना टेस्टिंग रिलायंस के द्वारा की जाती है। क्लीनिकल लक्षण, कान्टैक्ट ट्रैसिंग से जुड़े लोगों का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। अस्पताल द्वारा और कलेक्शन सेंटर के द्वारा भेजे गए सैम्पल की टेस्टिंग की जा रही है।
मास्क और पिपीई किट तथा जिओ प्लेटफॉर्म का सप्लाइ।
कोरोना काल मे रोज 1 लाख प्रति दिन मास्क का सप्लाइ किया तथा 1000 पिपीई किट हेल्थ वर्कर के लिए सप्लाइ किया.
जिओ प्लेटफॉर्म को 40 करोड लोगों तक और हजारों कंपनी तक पहुचाया जिसका उपयोग वर्क फ्रॉम होम, वर्क फ्रॉम स्टडी और हेल्थ फ्रॉम होम जैसे कामों के लिए हुआ। वही रिलायंस रीटेल के द्वारा लाखों लोगों को 200 शहरों मे आवश्यक वस्तुए पहुचाई।
कोरोना वैक्सीन का निर्माण।
कोरोना वैक्सीन की विकसित करने के रेस मे भी रिलायंस आ चुकी है, जो की प्री-क्लीनिकल फेज मे है, जिसमे प्राणियों पर टीके का परीक्षण किया जाएगा। रिलायंस ग्रुप की मौजूदा बिजनस जैसे फार्मसूटिकल, रीटेल और टेक्नॉलजी का उपयोग कोविड 19 के लिए किया जा रहा है। कोविड टेस्ट किट का निर्माण करना, टेस्टिंग लैबॉरेटरीज़ चलाना, टीके का विकसित करना, वैक्सीन का निर्माण और डिस्ट्रिब्यूट करना, यह सारे कोरोना के संबधित काम रिलायंस के द्वारा किए जा रहे है।
वैक्सीन विकसित हो रही जो प्रोटीन बेस्ड कोविड वैक्सीन होगी, जो अगले पहली तिमाही मे मनुष्य पर क्लीनिकल ट्रायल की जाएगी। छह भारतीय कंपनीयो के साथ रिलायंस को भी कोरोना वैक्सीन विकसित करने का अप्रूवल दिया गया है।
रिलायंस ग्रुप ने अपनी सभी कंपनी को कोरोना के चलते काम पे लगा दिया है, जाहीर है इससे तो मुकेश अंबानी अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे होंगे। कोरोना काल मे जिओ, रीटेल , कोरोना किट और अन्य हेल्थ समग्री का भरपूर उपयोग हुआ है। इसका फायदा रिलायंस ने भरपूर उठाया है।
अब तो कोरोना टेस्टिंग किट, कोरोना लैबॉरेटरीज़, कोरोना वैक्सीन जो की सबसे मुनाफे वाला बिजनस है, वो एक ही छत के नीचे आ गया है। इसी लॉकडाउन के दौरान वर्क फ्रॉम होम, वर्क फ्रॉम स्टडी और हेल्थ फ्रॉम होम का भी एक्सपेरीमेंट हो गया, जिसकी वजह से जिओ का भविष्य उज्ज्वल है।
पढ़े : कोरोना वैक्सीन एक साजिश, बिल गेट्स(Bill Gates) शामिल
भारत के हेल्थकेयर सेक्टर का निजीकरण।
दुनिया कि टॉप टेक कंपनीयो का हेल्थकेअर सिस्टम(Healthcare System) पर हो सकता है कब्जा।