भारत की ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी अदानी(Adani Company) के साथ ऑस्ट्रेलिया की कारमाइकल कोयला खदान को लेकर विवाद शुरू है। कारमाइकल कोयला खदान(Carmichael Coal Mines) को लेकर ऑस्ट्रेलिया मे अदानी कंपनी का विरोध हो राहा है। विरोध के दमन करने के लिए अदानी कंपनी ने बेन पेन्नीग्स(Ben Pennings) पर मुकदमा दायर किया है।
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
ऑस्ट्रेलिया मे अदानी ग्रुप के कारमाइकल कोयला खदान और रेल प्रोजेक्ट(Carmichael Coal Mines and Rail Project) जो क्वीन्सलैंड के गैलिली बेसिन मे है, इसका ऑस्ट्रेलिया के लोगों द्वारा विरोध हो राहा है। अगर यह कोयला खदान विकसित हो जाती है तो यह दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदान होंगी। इस प्रोजेक्ट का विरोध कई वर्षों से चल राहा है और यह ऑस्ट्रेलिया का सबसे विवादित प्रोजेक्ट बन गया है।
क्यू विरोध हो राहा है?
अदानी ग्रुप(Adani Group) दुनिया की सबसे बड़ी कोयला खदान ऑस्ट्रेलिया मे बना राहा है, पर यहा के लोगों को डर है की इसके वजह प्रदूषण बढ़ेगा, पारंपरिक जमीन एवं यहा के लोगों विश्व की धरोहर को नष्ट कर दिया जायेगा तथा अनोखी जाती के प्राणियों और पर्यावरण को भी नुकसान पहुचके वह प्रजाति नष्ट हो जाएगी।
60 मिलियन टन कोयला हर साल इस खदान से जलाने के लिए निकाला जायेगा जिससे जलवायु परिवर्तन, ओशन वार्मिंग और अम्लीकरण की समस्या निर्माण हो के दुनियाभर के मनुष्यों और पर्यावरण को खतरा पैदा होकर नष्ट कर देगा।
रेल इन्फ्रस्ट्रक्चर और अबोट पोर्ट पॉइंट पे कोल एक्सपोर्ट टर्मिनल का विस्तार, जो ग्रेट बेरीअर रीफ़ वर्ल्ड हेरिटिज को लगकर है, करने से कोयला वाहतूक रीफ़ वाटर मे से की जाएगी, जिससे शिपिंग के दौरान ऑइल छलकने से पाणी एवं पर्यावरण के जीवजंतुओ का गंभीर नुकसान होगा।
साथमे उनको डर है की अदानी ग्रुप के काम मे पर्यावरण संबधित नियम का उल्लंघन होगा, गैरकानूनी बिजनस डील और बड़ी पैमाने पर गैरकानूनी मिनेरल एक्सपोर्ट किया जायेगा।
बेन पेन्नीग्स(Ben Pennings) पर मुकदमा
बेन पेन्नीग्स एक आंदोलनकर्ता है जो विरोध कर रहे ब्रिसबेन समूह का गेलिली ब्लॉकेज का प्रवक्ता था। इसने अदानी और उसके निजी ठेकेदारों को काम करने से रोकने का आंदोलन चला राहा है। आंदोलन की वजह से ठेकेदारों ने काम बंद कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया मे उन्होंने पर्यावरण और भ्रष्टाचार को लेकर स्टॉप अदानी (#stopadani) मूवमेंट चला रखी है।
अदानी उनपे मुकदमा करके कथित धमकी और साजिश के भरपाई के लिए उनसे हर्जाना मांग राहा है। अदानी कंपनी का कहना है की बेन पेन्नीग्स के पास कंपनी के कई सीक्रिट डॉक्यूमेंट है, इसलिए उसके घर पर रैड कारवाई जा रही है। एक जज ने अस्थायी आदेश दिया है जिससे कारमाइकल खदान के खिलाफ अभियान चलाने की पेन्नीग्स की क्षमता को सीमित कर दिया है। यह मामला उन्हे आर्थिक रूप से बर्बाद कर सकता है या दिवालिया कर सकता है।
बेन पेन्नीग्स कह राहा है की “ ऐसा लगता है की मुझ पर केस करके अदानी मेरे परिवार को दंड देने पर तुले हुये है”।
ऑस्ट्रेलिया मे किया गया सर्वे बताता है की “अधिकतर लोग अदानी के खदान को नहीं चाहते पर वहा की राजनीति मे यह नहीं दिखता”। ऑस्ट्रेलिया मे जिस तरह अदानी कंपनी को राजनैतिक सपोर्ट मिल राहा है, ठीक वैसे ही भारत मे भी मिल राहा है।
अदानी ग्रुप की भ्रष्टाचार और अवैध डीलिंग की जाँच-पड़ताल।
डिरेक्टरट ऑफ रेविन्यू इन्टेलिजन्स (DRI) की तरफ अदानी ग्रुप के साथ अदानी एनर्प्राइजेस लिमिटेड(AEL) की कोयले और कैपिटल इक्विपमेन्ट की ईलीगल ओवरवाल्यूइंग इम्पोर्ट (Illegal Overvaluing Import) की जाँच की है, जिससे काला धन(Black Money) पैदा होता है।
2011 मे कर्नाटक के ओमबुड़समान(Ombudsman) ने अदानी एनर्प्राइजेस लिमिटेड को बड़े पैमाने पर अवैध iron-ore के निर्यात मे दोषी ठहराया था, जिसके चलते अदानी एनर्प्राइजेस लिमिटेड को पोर्ट चलाने और सरकार के साथ बिजनेस करने से प्रतिबंध लगा दिया था।
2016 मे नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल(National Green Tribunal) ने अदानी ग्रुप को पर्यावरण नियम का उल्लंघन करने के मामले मे दंड दिया था।
इंडिया मे भी मुँदरा(Mundra) पोर्ट और पावर प्लांट की वजह से पर्यावरण को काफी नुकसान हुआ है ।