सुप्रीम कोर्ट में युक्तिवाद
अप्रैल में जब हजार कोरोना रुग्ण थे, तब परीक्षा नहीं ली थी, तो अब तो कोरोना के लाखो रुग्ण है, फिर परीक्षा कैसे ले सकते है. तीसरे साल के विद्यार्थी की जान, क्या पहले और दूसरे साल के विद्यार्थी से कम किमत की है, ऐसा युक्तिवाद युवासेने की तरफ से वकील श्याम दिवाण ने सुप्रीम कोर्ट किया.
अंतिम साल की परीक्षा रद्द की जाये, ऐसी याचिका युवासेना नेते आदित्य ठाकरे की थी. इस याचिका पे सुनवाई न्या. अशोक भूषण, न्या.सुभाष रेड्डी न्या. एम.आर.शहा इनके बेंच के सामने हो रही है . अगली सुनावनी 18 अगस्त है. दिवाण ने अपने मुद्दे में कहा की विद्यापीठ अनुदान आयोग के आदेशानुसार 30 सितम्बर तक अंतिम साल की परीक्षा ली जाय, पर उस सूचना में स्थानिक तौर पर बदल कर सकते है. कोरोना के रुग्ण लाखो की संख्या में बढ़ रहे है, ऐसे में परीक्षा कैसे ले सकते है, जब की केंद्र और राज्य सरकार ने अभी तक शैक्षणिक संस्था को शुरू करने की अनुमति नहीं दी है. विद्यापीठ अनुदान आयोग ने कोरोना परिस्थिति सुधार हुवा ऐसा कही नहीं कहा.