जब समाज मे किसी धर्म के लिए कट्टरता आ जाती है तो उससे उस समाज को काफी नुकसान होता है। किसी विशिष्ट धर्म के प्रति चाहे मुस्लिम हो, हिन्दू हो या कोई अन्य धर्म हो अगर धर्म को मानने वाला व्यक्ति कट्टरतावादी हो तो उससे देश और समाज के लिए खतरा पैदा हो जाता है। इतिहास मे और आज भी धर्म के नाम पर जो हिंसा हो रही है वह कट्टरतावाद से ही हो रही है। क्या आज धर्म के कट्टरतवाद को खतम करना हमारा कर्तव्य है?
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
कट्टरतावाद आम तौर पर धर्म की ऐसी भावना है जो पुरानी मान्यताओ से जुड़ी होती है और कट्टरतावादी व्यक्ति का इन मान्यताओ से अटूट लगाव होता है। यह विशिष्ट धर्मग्रंथ या विचारधाराओ के अंदर होता है।
फ़्रांस मे हुई हालही की घटना यह इसी कट्टरतावाद का प्रतीक है। जिसकी वजह से कई लोगों को जान गवानी पड रही है।
पैगंबर महम्मद का कार्टून दिखाने वाले शिक्षक का फ़्रांस मे मर्डर।
एक शिक्षक ने पढ़ाते हुये पैगंबर महम्मद का कार्टून दिखा दिया, जिसकी वजह से एक युवक ने उस शिक्षक का गला रेत दिया। वही दूसरी तरफ नीस के चर्च मे तीन लोगों की हत्या कर दी गई।
यह सारे जो हिंसाये हो रही है वह धर्म के नाम पर हो रही है। जिसके दिमाग मे इस्लाम के लिए कट्टरतावाद है वही लोग यह हिंसा का काम कर रहे है। क्या किसी सामान्य व्यक्ति को इतना घुस्सा आ सकता है की वह किसी का मर्डर कर सके?
फ़्रांस के खिलाफ मोर्चा।
दुनियाभर के मुसलमानों के द्वारा फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) का व्यापक विरोध हो राहा है तथा उनके द्वारा दीये गये बयान की आलोचना हो रही है। इसी के चलते मुस्लिम देशों मे फ़्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार(Boycott France Product) हो राहा है।
इमैनुअल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने इन घटनाओ को इस्लामिक आतंकवादी(Islamic Terror) हमला कहा था। इसके आगे कहा था की इस्लाम एक ऐसा धर्म है, जिससे सिर्फ फ़्रांस को ही नहीं तो पूरी दुनिया को खतरा है।
भारत ने किया समर्थन।
राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों पर हो रहे व्यक्तिगत हमले को अस्वीकार्य बताते हुये भारत ने फ़्रांस को अपना समर्थन जताया है।
भारत ने प्रेस नोट जारी करते हुये शिक्षक की हुई हत्या की घटना की निंदा की है और कहा की इस घटना ने पूरी दुनिया को हैरत मे डाल दिया है।
कट्टरपंथियों और आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही।
लगातार हो रही हिंसक घटनाओ से फ़्रांस ने कट्टरपंथियों और आतंकवाद के खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है। भारत भी इस जंग मे फ़्रांस का साथ दे रहा है।
वही फ़्रांस के खिलाफ पाकिस्तान, तुर्की, सऊदी अरब, मलेशिया जैसे इस्लामिक देशों ने आंदोलन शुरू कर दिया है।
इस्लामोफोबिया।
यह इस्लामोफोबिया एक ऐसा विचार है जिसमे लोगों के दिल मे इस्लाम या इस्लाम को मानने वाले मुसलमान के लिए हिंसा, भय और भेदभाव होता है।
इस्लाम की सबसे बड़ी समस्या है धर्म की कट्टरता, जिससे इस्लाम के ही लोगों को लढ़ना है। कट्टरता का खातमा मतलब इस्लामोफोबिया का खातमा।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने कहा की मैक्रों ने इस्लामोफोबिया को बढ़ावा देने का मार्ग चुना है। उन्होंने आतंकवादियों पर हमला बोलने की बजाय इस्लाम पर हमला बोल दिया है।
इस्लाम धर्म की मुख्य समस्या उसके ही अंदर है, जिसे इस्लामिक कट्टरता कहा जा सकता है। अल्ला का नाम लेकर किसी का मर्डर करना यह कभी भी इस्लाम ने नहीं सिखाया और यह कतही उचित नहीं है। मजहब नहीं सिखाता आपस मे बैर रखना।
इस अंदरूनी कट्टरतवाद से पूरे इस्लाम को दोष दिया जा राहा है तो यह इस्लाम के लोगों की ही जिम्मेदारी है की इस कट्टरतवाद और आतंकवाद से अपने को तथा दूसरे को बचाया जाए।
Like & Share News Mediators on
Read : जम्मू-कश्मीर की कलम 370 को हटाना जरूरी था या सिर्फ सरकार को अपना हिन्दुत्ववादी अजेंडा चलाना था।