ब्लूमबर्ग बिलिनाइर इंडेक्स(Bloomberg Billionaires Index) ने जारी किये हुये रिपोर्ट मे दुनिया के अमीरों की संपत्ति लॉकडाउन और कोरोना वायरस के चलते बढ़ी है, जब की बाकी सब लोगों की हालत खराब हो गयी है। इनमे अमजोन , माइक्रोसॉफ्ट, फेसबुक, रिलायंस, गूगल जैसी कंपनीया शामिल है। यह टेक्नॉलजी का उपयोग करके पूरे हेल्थकेयर सिस्टम को काबू मे कर सकते है।
न्यूज मेडियेटर्स – आकाश वनकर
कंपनी के लिए कॉर्पोरेट सोशल रीस्पान्सबिलटी(CSR) पॉलिसी होती है। जिसके तहत उनको अपने तरफ से कमाई के 2 फीसदी हिस्सा लोगों के भलाई मे खर्च करना पड़ता है। इस का फायदा उठाते हुये कई कंपनीयो ने अपने खुदके ही परोपकारी संस्थाये शुरू कर दी ताकि खुद ही वह पैसा उपयोग कर सके या ऐसी परोपकारी संस्था मे पैसा लगाये जहा से पैसा वापस आ सके।
ब्लूमबर्ग बिलिनाइर इंडेक्स(Bloomberg Billionaires Index) ने जारी किये हुये रिपोर्ट के टॉप बिलिनाइर किसी न किसी तरह कोरोना वायरस के लिए डोनैशन और फार्मा कंपनीज से जुड़े हुये है, जो इस महामारी को एक अवसर के तौर पर लेकर काम कर रहे है जैसे इनको पता था की ऐसा होने वाला है।
आज टॉप कंपनीया टेक्नॉलजी पे काम कर रही है पर अब इनका निशाना हेल्थकेयर सेक्टर पर है। यह लोग पूरी दुनिया की स्वास्थ्य संस्था(हेल्थ सिस्टम) को कंट्रोल करना चाहते है।
जेफ बेजोस(Jeff Bezos):
जेफ बेजोस अमाजोंन(Amazon) कंपनी से है और दुनिया का अमीर व्यक्ति है, जिसकी नेट वर्थ $186 बिलियन है। इसने कोरोना के लिए $100 मिलियन डोनैशन दिया है। इन्होंने एक बाइओटेक स्टार्टअप कंपनी मे इन्वेस्ट किया है, जो की एक ड्रग्स रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट का काम करेगी।
अमजोन और रिलायंस रीटेल ऑनलाइन फार्मसी पर काम्पिटिशन मे लगे हुये है।
बिल गेट्स(Bill Gates) :
बिल गेट्स यह माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के संस्थापक है और इनकी बिल एण्ड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन है, जो हेल्थकेयर सेक्टर मे काम करती है। बिल एण्ड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने $300 मिलियन दिए है, जिसमे यह पैसा वैक्सीन रिसर्च और पब्लिक हेल्थ के लिए उपयोग मे लाया जायेगा।
इन्होंने भी कई सारे वैक्सीन बनाने वाली कंपनीयो मे इन्वेस्ट किया है जो इनको काफी अच्छा रिटर्न देगा।
मार्क ज़ुकेरबर्ग(Mark Zuckerberg) :
मार्क ज़ुकेरबर्ग की कंपनी का नाम फेसबुक है। मार्क कोरोना वायरस की दवा ढूँढने के लिए बिल गेट्स के साथ काम करेंगे। इन्होंने $25 मिलियन गेट्स फाउंडेशन को दिए है। जो की दुनिया को कोरोना वैक्सीन बनाने मे उपयोग किये जाएंगे। मार्क अपने सोशल प्लेटफॉर्म के माध्यम से कोरोना वैक्सीन और दवा का प्रचार करेंगे।
मार्क अपने चैरिटी मे एक स्पेशल ग्रुप बनाएंगे जो फार्मा रिसर्च का काम करेगा।
मुकेश अंबानी(Mukesh Ambani) :
मुकेश अंबानी की रिलायंस लाइफसाइंस यह फार्मा कंपनी है जिसने खुदका कोविड 19 टेस्टिंग किट बनाया है। रिलायंस का खुदका कोविड अस्पताल है। इन्होंने नेतमेडस(Netmeds) जो ऑनलाइन फार्मसी थी उसे खरीद लिया है। ऐक्टिव फार्मासीटिकल इनग्रेडिएंट(API) निर्माण के लिए रिलायंस लाइफसाइंस को यूएस ड्रग्स अथॉरिटी से अप्रूवल मिला है।
मुकेश अंबानी इन्होंने 500 करोड़ रुपये प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी पीएम-केयर फंड को दिए है।
लेरी एलिसॉन(Larry Ellison) :
लेरी एलिसॉन जो ऑरकैल(Oracle ) कंपनी के फाउन्डर है और प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रम्प के सपोर्टर और फंडराइसर है। इन्होंने हाइड्रोक्सीक्लोरोकिन का उपयोग करने के लिए ट्रम्प का साथ दिया था।
ट्रम्प के फंडराइज़ींग को लेके इनके एम्प्लोयी ने इसका विरोध किया था।
लेरी पेज(Larry Page) :
लेरी पेज यह गूगल के फाउन्डर है। गूगल सिर्फ सर्च इंजन नहीं है तो एक फार्मा कंपनी बन गयी है।
प्रोग्रेसिव रेडियो नेटवर्क जर्नलिस्ट गैरी नल और रिचर्ड गेल ने सावधान किया था की “ गूगल आज सिर्फ फार्मा कंपनीज का अजेन्डा को बढ़ावा देने वाला हथियार नहीं तो एक ड्रग्स कंपनी है।“
गूगल की फार्मा कंपनी वेरीली ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ग्लाक्सोस्मिथक्लीन से साथीदारी कर ली है।
सर्गे ब्रिन(Sergey Brin) :
सर्गे ब्रिन गूगल के को-फाउन्डर है । फिलहाल गूगल ने अपना ऐल्गरिदम इस तरहा किया है की आप को वैक्सीन और ड्रग्स की इनफार्मेशन निकालना मुश्किल हो गया है।
गूगल को तो वैसे भी आपके बारे मे सब पता है अब मेडिकल और हेल्थ का भी पता चल जायेगा।
यह टेक्नॉलजी कंपनी इतने आपस मे जुड़े हुये है की अगर आप वैक्सीन के खिलाप कोई विडिओ फेसबुक या यूट्यूब पर डालते है तो वह विडिओ डिलीट कर देता है।