चालू वित्त वर्ष 2020-21 मे अप्रैल-जून के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था(Indian Economy) मे -23.9 की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है।
लॉकडाउन की वजह से देश की आर्थिक गतिविधि रुक गयी थी, जिसके चलते देश को काफी नुकसान हुआ, इसका परिणाम भारत देश की जीडीपी की गिरावट से दिख रहा है, जो अभी माइनस मे चली गयी है। देश की आर्थिक स्थिति गंभीर हो गयी है। जारी किए आकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2020-21 मे अप्रैल-जून के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था(Indian Economy) मे -23.9 की अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इसमे सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन काफी खराब है। तिमाही के आँकड़े वर्ष 1996 से जारी किए जा रहे है, तब से लेकर यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। एक्सपर्ट के अनुसार, गिरावट इससे भी ज्यादा हो सकती है।
जीडीपी क्या होती है ?
किसी भी देश की आर्थिक स्थिति का आकलन करने का सबसे अच्छा तरीका है सकल घरेलू उत्पाद या GDP(Gross Domestic Product)। इसका अर्थ यह होता है की देश के भौगोलिक सीमाओ के अंदर एक वित्तवर्ष के दौरान देश मे कितनी रकम का उत्पाद और सेवाये तैयार की, मतलब एक निश्चित काल मे देश भर मे तैयार की गयी सेवाओ और उत्पादों का बाजार मूल्य।
देश की आर्थिक उन्नति का परिचायक माने जाने वाले GDP का आकलन भारत मे हर तीन महीने मे किया जाता है, जैसे अप्रैल-जून , जुलाई-सितंबर , अक्टूबर-दिसम्बर और जनवरी-मार्च इस चार तिमाही मे किया जाता है । सकल घरेलू उत्पाद(GDP) मे – कृषि से होनेवाला उत्पाद, उद्योगों से निर्माण किया हुआ अंतिम उत्पाद और सेवा क्षेत्र द्वारा प्रदान की गयी सेवाओ का कुल मूल्य शामिल होता है । इस तीनों क्षेत्र के उत्पाद के आधार पे ही देश की जीडीपी घटती या बढ़ती है ।
अगर जीडीपी बढ़ती है तो राष्ट्र की आय बढ़ती है, देश तरक्की करता है और जीडीपी कम हो जाती है तो देश डूबने या दिवालिया होने के कगार पर आ जाता है ।
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